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Thursday, August 19, 2010

भगवाकरण की कोशिश

Bikash Sharma

मुझे आशा है आपलोगों ने पूरा समाचार पढ़ा होगा. भाई प्रवीण शर्मा को बधाई इस प्रकार की उम्दा रिपोर्टिंग के लिए जो की न तो किसी पोलिटिकल पार्टी से motivated है और न ही कुछ पकी पकाई
खिचड़ी. लोकतंत्र में बंधन का नाम ही राजनितिक दल है चाहे कोई भी हो. और अगर सरकार में कोई पार्टी बैठ जाती है तो फिर उसकी गुंडागर्दी को रोकने वाला कोई नहीं. स्कूली बच्चो को किसी ख़ास प्रकार की पुस्तकें पढाना जो की खुला समर्थन किसी विचारधारा या पार्टी का करती हो, यही तो परतंत्रता है. MP govt ये भूल गयी है की वो जनता की चुनी सरकार है न की RSS या किसी और हिंदूवादी संगठनो की.

Its shamful........वैसे मै खबर दिए देता हूँ.


दैनिक जागरण, भोपाल १९ अगस्त २०१०

प्रवीण शर्मा, भोपाल -राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठन विद्या भारती की पत्रिका देवपुत्र को 13.5 करोड़ रुपए का भुगतान करने की सरकार ने नए सिरे से तैयारी कर ली है। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही संघ के साथ करारनामा (एमओयू) करने जा रही है। संघ और सरकार के अलावा भारतीय स्टेट बैंक भी इस एमओयू में शामिल होगा। अब केवल मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटियों की बैठक का इंतजार है। जल्द ही बैठक कर इसे मंजूरी दे दी जाएगी। प्रदेश के सभी एक लाख 10 हजार स्कूलों में विद्या भारती की पत्रिका देवपुत्र थोपने की तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक इस पत्रिका की दो-दो प्रतियां सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में भेजने का निर्णय तो मार्च के अंत में ही हो गया था। इतना ही नहीं सभी स्कूलों को पत्रिका का आजीवन सदस्य बनाते हुए आरएसके ने देवपुत्र प्रकाशन के नाम से 13.5 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए। इतना ही नहीं इस राशि के ड्राफ्ट भी बनवा लिये थे, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर लगे पेंच के कारण यह भुगतान अटक गया था। इसका फायदा यह हुआ कि संस्था को भुगतान करने की बजाय यह राशि भारतीय स्टेट बैंक की उदयांचल शाखा में जमा करा दी गई। अब भुगतान की प्रक्रिया में भी बदलाव कर दिया है। पहले जहां सारे स्कूलों को आजीवन सदस्य बनाते हुए एकमुश्त राशि देवपुत्र प्रतिष्ठान को दी जा रही थी। वहीं अब एमओयू की अनिवार्यता प्रक्रिया में शामिल कर दी गई है। यह एमओयू पर आरएसके और बैंक के अलावा देवपुत्र प्रतिष्ठान के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस तरह का एमओयू हर साल किया जाएगा। इसके बाद ही उस साल की राशि बैंक द्वारा जारी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक एमओयू के लिए आरएसके ने पिछले महीने प्रारूप तैयार कर लिया था। बैंक प्रबंधन से बातचीत के आधार पर इसकी शर्ते भी फायनल कर दी गई हैं। इस प्रारूप को सबसे पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कार्य परिषद की मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली साधारण सभा में भी इसे अनुमोदित कराया जाएगा। कार्य परिषद की बैठक के लिए पहले 31 जुलाई की तिथि तय की गई थी। बाद में यह बढ़कर सात अगस्त हुई। मगर इस तिथि में भी बैठक नहीं हो सकी है। नई तिथि जल्द ही तय होने की संभावना है।



Bikash भाई पहली बार ब्लॉग के लिए पोस्ट लेकर आये है और वो भी एक उम्दा पोस्ट के साथ. 'We उनका तहे-दिल से स्वागत करता है. उम्मीद है की उनका साथ 'We को मिलता रहेगा.